कलयुग में शक्ति का अवतार जीण माता जीन माता (jeen mata) के बारे में अभी तक कोई पुख्ता जानकारी मौजूद नही है फ़िर भी कहते है की माता का मन्दिर कम से कम 1000 साल पुराना है। लोक कथाओं के अनुसार जीण माता का जन्मअवतार चुरू जिले के घांघू गाँव में हुआ था। जीण माता के बड़े भाई का नाम हर्ष था । माता जीण को शक्ति का अवतार माना गया है और हर्ष को भगवन शिव का अवतार माना गया है॥ कहते है की दोनों बहन भाइयो में बहुत स्नेह था। लेकिन किसी बात पर दोनों मनमुटाव हो गया। तब जीण माता यहाँ आकर तपस्या करने लगी पीछे पीछे हर्षनाथ भी अपनी लाडली बहन को मनाने के लिए आए लेकिन जीण माता जीद्द करने लगी साथ जाने से मना कर दिया । हर्षनाथ का मन बहुत उदास हो गया और वे भी वहां से कुछ दूर जाकर वहां पर तपस्या करने लगे। दोनों भाई बहन के बीच हुई बातचीत का सुलभ वर्णन आज भी राजस्थान के लोक गीतों में मिलता है॥ भगवन हर्षनाथ का भव्य मन्दिर आज भी राजस्थान की अरावली पर्वतमाला में स्थित है। कहते दिल्ली के बादशाह औरंगजेब ने एक बार हर्ष पर्वत पर आक्रमण किया और पुरे मंदिरों , गुफाओं, और अनेक भवनों को क्षत विक्षत कर दिया...